By Navin | Updated: 26 Nov 2019
किशनगंज. बिहार (Bihar) में सीमांचल इलाके के किशनगंज (Kishanganj) जिले में खेत जोतने के दौरान कई बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ कालीन चांदी के सिकà¥à¤•े बरामद हà¥à¤ हैं. जिले के दिघलबैंक पà¥à¤°à¤–ंड के डाकूपाड़ा गांव में सिकà¥à¤•े मिलने की खबर सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही उसे चà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के लिठखेत में गांव के लोगों की à¤à¥€à¤¡à¤¼ उमड़ पड़ी.
बताया जाता है कि à¤à¤• किसान अपने खेत में टà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤° से जà¥à¤¤à¤¾à¤ˆ कर रहे थे तà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मिटà¥à¤Ÿà¥€ में सना कà¥à¤› सिकà¥à¤•ा दिखाई दिया. सà¤à¥€ सिकà¥à¤•े 19वीं सदी के बताठजाते हैं. मिले हर सिकà¥à¤•े पर ईसà¥à¤Ÿ इंडिया कंपनी का मà¥à¤¹à¤° लगा है.
सिकà¥à¤•ों के मिलने से किशनगंज के गांवों की à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• समृदà¥à¤§à¤¿ की बात पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤¤ हो रही है. सिकà¥à¤•ों पर 1840 और 1877 ईसà¥à¤µà¥€ दरà¥à¤œ हैं. साथ ही विकà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कà¥à¤µà¥€à¤¨ के चितà¥à¤° उकेरे हैं. फिलहाल इसकी चरà¥à¤šà¤¾ इलाके में खूब जोरों पर है.
इनके पास मौजूद हैं मà¥à¤—ल कालीन से लेकर बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ जमाने के सिकà¥à¤•े
बतातें कि आगरा निवासी सà¥à¤à¤¾à¤· चंदà¥à¤° बतà¥à¤°à¤¾ के पास करीब डेढ़ लाख से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रà¥à¤ªà¤ के सिकà¥à¤•े जमा हो चà¥à¤•े हैं. बतà¥à¤°à¤¾ को सिकà¥à¤•ों को जमा करने का बचपन से शौक था. उमà¥à¤° बढ़ने के साथ-साथ उनका ये शौक जà¥à¤¨à¥‚न में बदल गया. बैंक में नौकरी करने के बावजूद à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सिकà¥à¤•ों को जमा करना नहीं छोड़ा. दिलचसà¥à¤ª बात ये है कि सिकà¥à¤•ों का संगà¥à¤°à¤¹ बनाने के लिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रिटायरमेंट से छह साल पहले ही नौकरी छोड़ दी. जिससे वो सिकà¥à¤•ों को à¤à¤¾à¤°à¥€ मातà¥à¤°à¤¾ में संगà¥à¤°à¤¹ कर सके. सिकà¥à¤•ों में मà¥à¤—ल कालीन से लेकर बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ जमाने के सिकà¥à¤•े मौजूद हैं. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इन सिकà¥à¤•ों को खरीदने के लिठकई गà¥à¤¨à¤¾ कीमत à¤à¥€ चà¥à¤•ाई है. वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में बतà¥à¤°à¤¾ का जà¥à¤¨à¥‚न देखने के लिठउनका घर देखना ही काफी होगा. सिकà¥à¤•ों से सजाठगठघर में पोसà¥à¤Ÿà¤° पर आकार, दीवारों पर लिखावट और उनकी पतà¥à¤¨à¥€ की सिकà¥à¤•ों की साड़ियां बतà¥à¤°à¤¾ के इस जà¥à¤¨à¥‚न का गवाह हैं.
(रिपोरà¥à¤Ÿ- राजेनà¥à¤¦à¥à¤° पाठक)
Courtesy: hindi.news18.com
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